G20 Summit 2023 Delhi India Middle East Europe Economic Corridor Will Rival China BRI
G20 Summit India: भारत में पहली बार हो रहा जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो रहा है. शिखर सम्मेलन के पहले दिन कई अहम घोषणाएं हुईं. शिखर सम्मेलन के मुख्य कार्यक्रमों से इतर भी एक घोषणा ऐसी हुई, भारत से यूरोप तक ट्रेड रूट बनाने की संकल्पना को काफी खास माना जा रहा है. भारत से यूरोप तक जिस ट्रेड रूट को बनाने की संकल्पना पेश की गई है, वह पश्चिम एशिया से होकर गुजरेगा और तैयार हो जाने पर चीन के मॉडर्न सिल्क रूट की काट साबित होगा.
साथ आई हैं कई प्रमुख आर्थिक ताकतें
इस ट्रेड रूट को आधिकारिक तौर पर भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गालियारा (India-Middle East-Europe Economic Corridor) नाम दिया गया है. इसकी अगुवाई भारत और अमेरिका मिलकर करेंगे. इसके तहत कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर काम होगा. यह ट्रेड रूट भारत को यूरोप से जोड़ेगा और पश्चिम एशिया से होकर गुजरेगा. भारत और अमेरिका के अलावा पश्चिम एशिया से संयुक्त अरब अमीरात व सऊदी अरब और यूरोप से यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली व जर्मनी भी इसका हिस्सा होंगे.
इस तरह से इतिहास के साथ संबंध
इस ट्रेड रूट का ऐलान पूरी दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस ट्रेड रूट को चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रूट इनिशिएटिव से जोड़कर देखा जा रहा है. चीन का बेल्ट एंड रूट इनिशिएटिव भी एक मॉडर्न ट्रेड रूट है, जिसमें चीन और यूरोप को कनेक्ट किया जा रहा है. चीन की इस पहल को इतिहास के सिल्क रूट से जोड़ा जाता रहा है. सिल्क रूट का नाम दरअसल पुराने जमाने में चीन से यूरोप होते हुए दुनिया भर में सिल्क के होने वाले व्यापार से निकला है. इसी तरह प्राचीन भारत के मसालों के व्यापार से स्पाइस रूट नाम निकला है. प्राचीन भारत से यूरोप के देशों तक मसालों का व्यापार किया जाता था.
सिल्क रूट बनाम मसाला रूट (स्रोत: रिसर्च गेट)
व्यापार में इस तरह से मिलेगी मदद
प्रस्तावित भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गालियारे के तहत डेटा, रेलवे, बंदरगाह, बिजली के नेटवर्क और हाइड्रोजन पाइपलाइन की कनेक्टिविटी का जाल बिछाया जाएगा. यह गालियारा अमल में आने के बाद दुनिया के तीन प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप को न सिर्फ साथ जोड़ेगा, बल्कि वैश्विक व्यापार को बढ़ाने में मददगार साबित होगा. यह डेटा से लेकर एनर्जी और अन्य कमॉडिटीज के व्यापार की लागत को भी कम करेगा.
एशिया और यूरोप पर होगा व्यापक असर
यह ट्रेड रूट कई मायनों में ऐतिहासिक है. इसके महत्व सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह आने वाले समय में वैश्विक ताकत के संतुलन में काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है. सबसे पहले तो यह चीन के बीआरआई का विकल्प देगा. वहीं दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को यह पश्चिम एशिया व यूरोप के मुख्य बाजारों से एकीकृत करेगा. इसमें मिडल ईस्ट के इजरायल और जॉर्डन जैसे देशों को भी जोड़ा जाएगा. इस तरह यह ट्रेड रूट इजरायल और अरब देशों के संबंधों को नए सिरे से प्रभावित कर सकता है.
ये भी पढ़ें: क्या है ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस, पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में की जिसकी घोषणा?

Schneider Electric appoints Ionuț Farcaș as President of Central East Europe Zone
MHA wraps up acquisition of Baker Tilly South-East Europe
MHA completes €24m acquisition of Baker Tilly South-East Europe
How the €24m merger between Baker Tilly South East Europe (BTSEE) and MHA plc will impact the professional services sector
MHA completes acquisition of Baker Tilly’s South-East Europe business
South East Europe Green EPC & Infrastructure Conference